प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर में एक ऐतिहासिक रैली को संबोधित किया, जहां उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुए चुनावों पर बात की। उन्होंने विशेष रूप से इस बात को रेखांकित किया कि यह पहली बार है जब क्षेत्र में चुनाव बिना किसी आतंकवाद या डर के साए में हुए हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास लाने के लिए किए गए प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
श्रीनगर में पहली बार शांतिपूर्ण चुनाव
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की असली जीत है। यह पहली बार है जब यहां के लोग दहशतगर्दी के साए के बिना स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। पहले यहां के लोग हमेशा डर और धमकी के बीच वोट डालते थे, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल गई है।”
विकास और शांति का नया युग
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने और आतंकवाद पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “हमारे प्रयासों का मुख्य लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को विकास की मुख्यधारा में लाना है। हम यहां शांति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि यहां के युवा आतंकवाद की जगह शिक्षा और रोजगार की ओर बढ़ सकें।”
आतंकवाद के अंत की ओर
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। “आतंकवादियों को साफ संदेश दिया गया है कि उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आज, स्थिति पहले से कहीं बेहतर है, और हम इसे और भी मजबूत बनाएंगे,” मोदी ने कहा।
लोगों की उम्मीदों का सम्मान
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक नया अध्याय है। “यहां के लोग अब शांति और विकास चाहते हैं। हमें उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा और उनके भविष्य को सुरक्षित और उज्ज्वल बनाना होगा।”
भविष्य के लिए योजनाएं
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में विभिन्न विकास परियोजनाओं को तेज गति से आगे बढ़ा रही है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और पर्यटन को प्राथमिकता दी जा रही है। “हम यहां की जनता को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे ताकि वे भी देश के अन्य हिस्सों की तरह समृद्धि का हिस्सा बन सकें,” उन्होंने जोड़ा।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का श्रीनगर में दिया गया यह भाषण, जम्मू-कश्मीर के लिए एक नई दिशा का संकेत है। उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार शांति और विकास की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। पहली बार बिना किसी डर के चुनाव कराना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे जम्मू-कश्मीर के लोग सुरक्षित और स्वतंत्र वातावरण में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके हैं।