इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच संघर्ष पहले भी हुआ है, लेकिन इस बार हालात बेहद गंभीर हैं। अक्टूबर 2023 में शुरू हुई लड़ाई ने अब तक के संघर्षों से कहीं अधिक तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। इस बार इजरायल की रणनीति साफ दिख रही है—वह हिज़बुल्लाह को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इजरायली सेना ने हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर व्यापक हवाई हमले किए हैं, जिनमें रॉकेट लॉन्चर्स, हथियार डिपो और कमांड सेंटर शामिल हैं। इस संघर्ष ने लेबनान के दक्षिणी हिस्सों को खासा प्रभावित किया है, जहां कई नागरिकों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं।
इजरायल का मिशन: हिज़बुल्लाह का खात्मा?
इजरायल की रणनीति यह है कि उत्तरी इजरायल के नागरिक, जिन्हें हिज़बुल्लाह की मिसाइल हमलों के चलते घर छोड़ना पड़ा है, वे सुरक्षित रूप से वापस लौट सकें। इसके लिए हिज़बुल्लाह की ताकत को खत्म करना जरूरी माना जा रहा है। इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने इस संघर्ष को एक ‘नया चरण’ बताया और कहा कि इजरायल तब तक हमले जारी रखेगा जब तक हिज़बुल्लाह को निर्णायक रूप से कमजोर न कर दे(
हिज़बुल्लाह की प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, हिज़बुल्लाह ने इसे एक ‘असीमित युद्ध’ कहा है और इजरायल से गाज़ा से पूरी तरह से हटने की मांग की है। उन्होंने इजरायल के प्रमुख शहरों पर रॉकेट हमले किए हैं और धमकी दी है कि वह तब तक नहीं रुकेगा जब तक इजरायल अपनी सैन्य कार्रवाई बंद नहीं करता(
क्षेत्रीय प्रभाव और संभावित परिणाम
यह लड़ाई सिर्फ इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच ही सीमित नहीं रह सकती। इस संघर्ष के बढ़ने से पूरे क्षेत्र में तनाव फैल सकता है, खासकर जब ईरान, इराक और सीरिया में हिज़बुल्लाह के समर्थक सक्रिय हैं। हिज़बुल्लाह को ईरान का समर्थन प्राप्त है, जो इसे हथियार और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इस स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को भी बढ़ा दिया है, और यूरोपीय संघ ने चेतावनी दी है कि यह संघर्ष ‘पूर्ण युद्ध’ की ओर बढ़ रहा है(
इस बार इजरायल की रणनीति यह साफ संकेत देती है कि वह इस लड़ाई को तब तक जारी रखेगा, जब तक वह हिज़बुल्लाह को एक निर्णायक झटका नहीं दे देता। हालांकि, हिज़बुल्लाह भी इस संघर्ष को लंबा खींचने की कोशिश कर रहा है, जिससे इजरायल की सरकार और उसकी अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़े|